लॉकडाउन में भाभी की चुदाई – Devar Bhabhi Ki Sex Stories

  • Post author:
  • Post last modified:January 16, 2025

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – मेरा नाम संजय है और मेरी उम्र 26 साल है। मेरी शादी हो चुकी है और मैं अपने परिवार के साथ देहली में रहता हूं। मेरा घर काफी बड़ा है, मैं अपना आला वाला हिसा किराए पर दे रखा था।

कोरोना काल में बीवी मयाके चली गई थी….लॉकडाउन की वजह से इसका इस्तेमाल करना मुश्किल था। फिर मुझे ही घर पर रहना पड़ा। आला वाले परिवार के भैया अस्पताल में नौकरी करते थे, वो रोज काम पर चले जाते थे और भाभी घर पर रहती थी। भाभी के पास तीन साल का एक बेटा है।

भाभी की जवानी की तारीफ में मुझे क्या बताओ कि वो कितनी सुंदर है। भाभी के लम्बे लम्बे काले बाल है जो उसके गोरे चेहरे को और अधिक आकर्षण बनाते है

एक दिन की बात है कि मैं अपने कमरे पर खाना बना रहा था। खाने बने जार रहा तो मैंने देखा कि मिर्ची हो गई थी। मैंने सोचा कि दुकान पर जाने में बहुत समय लगेगा इसलिए नीचे वाली भाभी से ही ले लेता हूं।

फ्री में सेक्सी कॉल गर्ल से बात करें- Escorts in Bangalore

मैं नीचे उतरकर भाभी के पास गया। वो मेरे पास ऐ और पूछने लगी।

मेरे लिए कहा-थोड़ा हल्दी दे दो।

वो बोलीं- ठीक है, तुम., मैं लेकर अति हूं.

मैंने पूछा- भाई साहब दिखाई नहीं दे रहे हैं?

वो बोलीं- नहीं, वो एक दो दिन से वोन अस्पताल में ही रुक जाता है। कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ रही है इसलिए काम भी बहुत हो गया है।

इताने में भाभी बोली- मैं अभी बनी थी। पी लो तुम भी?

मैंने कहा- लेकिन भाभी मैं अभी खाना बना रही हूं और फिर खाने का समय हो जाएगा।

वो बोली- कोई बात नहीं, खाना थोड़ी देर से खा लेना। मुझे ज्यादा बना दी है और फिर ये बेकार में थीनी होगी।

फ्री में सेक्सी कॉल गर्ल से बात करें- Pune Escorts

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – मैं भाभी की बात टाल ना गई और चाय पीने बैठ गई। वो चाय में ऐ और हैम डोनन साथ में चाय पाइन लगे। फिर से बातें शुरू हुई। भाभी मेरी बीवी के बारे में मुझसे पूछने लगी तो मैंने कहा कि वो अपने मयाके गई हुई है।

वो बोलीं- घर में अकेले बोर नहीं होते तुम?

मैं कहता हूं- भाभी होती है तो मैं हूं लेकिन अब जाएं कहां, बाहर घूमना फिरना तो उसकी बीमारी के खतरे से खाली नहीं है।

भाभी- तो फिर सारा दिन क्या होगा?

मैं- भाभी बस ऐसे ही कभी टीवी देख लेता हूं तो कभी फोन में तैं पास कर लेता हूं।

वो बोलीं- मुझे बबीता कहने में तुमसे शर्म आती है क्या?

मैं- नहीं भाभी, ऐसी बात नहीं है!

वो बोली- फिर भाभी!

मुझे कहा- सोरी बबीता.

भाभी- अकेला खाना बनाकर क्या करोगे, यहाँ मैं बना तो रही हूँ, तुम भी यहीं खा लेना!

भाभी के मुँह से ये शब्द सुनाकर जैसे मेरे मन में गुड़गुड़ी सी होने लगी। वो खुद मुझे उसके पास आने का न्योता दे रहा था। उसकी बातों से लग रहा था कि वो जरूर कुछ ना कुछ कहना चाहती है लेकिन कह नहीं पा रही है।

फिर मैंने कहा- ठीक है, तुम्हारी बात भी सही है, मैं अकेला क्या खाना बनाऊंगा, यहीं पर तुम्हारे साथ ही खा लूंगा।

वो बोलीं- ठीक है, फिर ठीक 9 बजे आ जाना। तब तक मैं पूरी ताईरी कर लेती हूं।

मैंने कहा- ठीक है बबीता भाभी, मैं ठीक 9 बजे आ जाऊंगा।

इतना बोलकर मैं वापस आ गया। मेरे आदमी में लड्डू से फूट रहे थे कि आज तो जरूर कुछ न कुछ कांड होने ही वाला है।

मेरा लंड बार बार भाभी की गांड के बारे में सोच कर खड़ा किया जा रहा था।

ठीक 9 बजे मैं भाभी के यहां पहुंच गया। मैं बेल बजाई तो भाभी झट से डरावे पर आ गई।

वो बोली- अंदर आ जाओ, खाना तयार है।

मैं अंदर गया तो उनका बेटा सो चुका था।

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – नैती में अंदर भाभी ने शायद कुछ पहनना नहीं था। भाभी की चुचियाँ दानों बिंग्स नाच रही पतली। उनाकी डोलती चुचियों को देख कर ही मेरा लंड तनव में आने लगा।

कुछ ही देर में भाभी ने मुझे खाना खिलाया।

फिर वो भी कुर्सी पर एक बैठिन और बोलीं- चलो शुरू करते हैं।

हम दोनो खाना खाने लगे।

मैंने पूछा- भाभी, कई दिनों से भैया घर पर नहीं आ रहे हैं, मुझे चूहे से डर नहीं लगता?

वो बोली- नहीं, उनका होना ना होना अब बराबर लगता है।

मैंने कहा- क्यों भाभी, ऐसा क्यों बोल रही हो?

भाभी ने इस बात का जवाब नहीं दिया। उनकी बातों से लग रहा है कि उनके पति-पत्नी के रिश्ते में जरूर कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

फिर हिम्मत कराके मुझसे पूछा ही लिया- भाभी, आप मुझे अपना दोस्त समझ कर बता सकती हो, मैं आपकी समस्या समाधान की कोशिश करूंगी। एपी मुझे बताएं कि क्या बात है?

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – वो बोलीं- एक तो समय ही ऐसा चल रहा है। वो पूरा दिन अस्पताल में रहता है। घर आते हैं तो इतने थके होते हैं कि नजर उठाकर भी नहीं देखते। मैं उनके करीब जाने की कोशिश करता हूं तो संक्रमण का खतरा बता कर टाल देता हूं।

अब तक भाभी अपना खाना ख़त्म कर चुकी थी और मेरा खाना ख़त्म होने का इंतज़ार कर रही थी। मेरी थाली में भी दो निवाले ही बचे थे। मेरे बीच में ही भाभी के हाथ पर हाथ रख दिया और कहा- भाभी, तुम परेशान मत होइएगा, मैं आपके साथ हूं।

वो बोलीं- पहले तो तुम मुझे ये भाभी कहना बंद करो।

मैंने कहा- सोरी बबीता, तुम मुझे अपना दोस्त ही समझो।

वो बोलीं- तो ठीक है, तो फिर आज रात को यहीं क्यों नहीं रुकेंगे मेरे पास? मेरे घर में खेल होता है तो बहुत डर लगता है।

भाभी के मुंह से ये बात सुनकर मेरा लंड एकादाम से खड़ा हो गया। भाभी सफ सफ मुझे अपने पास सुलाने का इशारा कर रही थी या यूं कहें कि मेरे से चुदवाने का इशारा वो था।

मुझे कहा- ठीक है. मुझे जरा ऊपर जाकर मेन्यू डोर को बंद कर आता हूं।

वो बोली- ठीक है, जल्दी आओ, मैं इंतजार कर रही हूं।

भाभी के शब्दों में एक प्यास सी थी। मेरा लंड मेरी लार में पूरा अकड गया था।

मुश्किल से जमीन को अंदर छुपाकर मैं उठ गया। मगर भाभी की नज़र मेरे लौड़े के आकार को देख चुकी थी। उसके होठों पर एक कातिल सी मुस्कान फैल गई थी।

जल्दी से ऊपर वाले फ्लोर का गेट लोक कराके आ गया।

आला आया तो भाभी ने छोटा मोटा बच्चा हुआ कम निपट लिया था। अनहोन मक्सी उतर कर एक शॉर्ट नाइट ड्रेस पहन ली थी जो फ्रोक जैसी थी और उसकी जंघोन तक ही एक राही थी।

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – भाभी के इस सेक्सी रूप को देखकर मेरी तो लार टपकाने लगी। वो भी मेरी नजरों की हवा को समझ गई थी। उसने मुझे कामरे में चलने के लिए कहा। मैं बेदर्दम की या बढ़ा तो वो भी पीछे-पीछे आने लगा।

कमरे में अंदर गया और पीछे से भाभी ने दरवाजा बंद कर दिया। मैं वोन दराज के पास खड़ा था और भाभी भी मेरे लगभाग एकर खड़ी हो गई। वो मेरे चेहरे को देखने लगी। मुझे भी उसकी आँखों में देखने लगा।

प्यास डोनॉन तरफ ही लगी थी लेकिन डोनॉन ही जैसे पहल होने का इंतजार कर रहे थे। फ़िर सातिक से डोनन ही एक दूसरे की या बढ़े और हमने एक दूसरे को बैनहों में भरकर किस करना शुरू कर दिया।

भाभी के रसीले होठों से हौंथ सही में उसे जोर जोर से चूसने लगा। वो भी पागलों की तरह मुझे किस करने लगी। मेरे हाथ दूर भाभी की गोल गोल गांड पर पुच गे। मुझे उसकी चुतादो को कस कर भिंचने लगा।

इधर भाभी का हाथ मेरी लोर के ऊपर आकर मेरे लंड को मसलने लगा। अगले ही पल भाभी ने मेरे लोर में हाथ डाल दिया और मेरे लंड को हाथ में भरकर उसकी चामड़ी को उम्र पीछे करने लगी। वो मेरे लंड को सहलाने लगी और मैं उसकी चुचियों पर टूट पड़ा।

सेक्सी भाभी की कड़क चुची मेरे हाथ में तो मैं उन्हें जोर जोर से दबाना शुरू कर दिया। हम दोनों बेताहाशा एक दूसरे के होठों को चूस चूस कर खा रहे थे। उसने मेरी लोर को अलग खींच दिया था और मुझे जाँघों तक नंगा कर लिया था।

अब भाभी के हाथ कभी मेरे लंड की मुठ्ठ मारते तो कभी मेरी गोटियों को सहलाने लगते। मैं भी भाभी की नैती को ऊपर खींचकर निकालवा दिया। भाभी का सेक्सी फिगर देखकर मैं तो पागल हो गया। 34-30-32 का उसका फ़िगर सच में कहार बारापा रहा था।

उसकी चुची इतनी तैती थी कि दबाकर रख रही थी कि दो साहब ने ठीक से कुछ किया ही नहीं था। मैं दोनों हाथों से उसकी नंगी चुचियों को भींचने लगा और भाभी सिस्काराने लगी।

फिर मुझे उसकी चुचियों को पीना शुरू कर दिया। जैसे ही मेरा मुंह उसकी चुची पर लगा तो वो जोर से सिस्कारी- आह… संजय… चूस ले इनको… बहुत दिनों से इनको किसी ने नहीं पिया है… इनका दूध निचोड़ ले आज… आह… जोर से पी।

मैं भाभी की चुचियों को ऐसे पीने लगा था जैसे कि उन्मेष से अमृत निकल रहा हो। उसकी सिसकियां हर पल तेज होती रहती पतली। फिर अचानक वो अलग हुआ और उसने मेरे बेटे को नीचे तक खींच दिया।

लार को मैंने अपनी टैंगों से भी खींचकर हटा दिया। अब भाभी मेरी तिशारत पर झपट पड़ी और मेरी तिशारत को निकल कर मुझे भी नंगा कर लिया। हम दोनों फिर से एक दूसरे से चिपक कर होठों को चूसने लगे।

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – कुछ देर नंगे चिपके हुए जो का मजा लिया और फिर मैंने भाभी को भगवान में उठा लिया और बिस्तर पर ले जाकर पटक दिया। मुझे
भाभी की चुचियाँ पर टूट पड़ा और जोर जोर से पीने लगा।

मेरे सर को भाभी ने पकड़ कर नीचे की या ढकेल दिया और अपनी चूत के पास ले गई। मैं समझ गया कि भाभी क्या चाह रही थी। मुझे उसकी टैंगों को फैलाया और उसकी फूली हुई चूत को जिभ से चटाना शुरू कर दिया।

भाभी की चूत पर मेरी जीभ लगी तो वो जोर से सिसक उठी- आह… संजय… चोद दे इसे अपनी जीभ से… आह… चाट चाट कर खा जा जाओ… इसमें बहुत प्यास लगी है। आह… चूसो… और जोर से चूसो!

मैं भाभी की चुत में जिभ अंदर दे दी और जोर से उसकी चुत को चोदने लगा। भाभी एकदम से पागल हो गई और बिस्तर की चादर को तब तक खींचना शुरू कर दिया।

भाभी की चुदास देखकर मुझे और जोर से उसकी चूत में झटका लगने लगा।

अब मेरा लंड भी तनाव के कारण दर्द करने लगा था।

मेरी चूत से जीभ निकली और भाभी की चुचियों पर गांड पकाकरलैंड उसे मुंह के सामने कर दिया।

वो बोली- नहीं, मैं मुंह में नहीं लूंगी. मिथक लगता है.

मैं बोला- प्लिज भाभी… बहुत तड़प रही है।

उसने फिर भी ना में हाय गार्डन हिलाई।

मैंने कहा- प्लिज… बबीता… एक बार चूस लो, मेरी ख़ुशी की खातिर।

फिर भाभी ने मुंह खोला और गर्दन ऊपर उठाकर लंड को चूसने लगी। मुझे तो जैसे जानत की सैर करने लगा। मेरे पीछे हाथ ले जा भाभी की चूत में उंगली से शुरू कर दिया।

भाभी की चूत बेपनाह पानी चोद रही थी। मेरी उंगली की वजह से चूत में पच पच की आवाज होने लगी।

जब उसे न हो तो लंड को मुंह से निकाल कर बोली- बस… अब चोद दे संजय… जान निकालने का इरादा है क्या… जल्दी चोद… फक मी संजय… प्लिज फक मी।

मैंने उसकी टैंगों को चौड़ी फैला दिया। फिर लंड का टोपा उसकी चूत के मुँह पर रख दिया। उसकी चूत को देखकर लग रहा था कि दो साहब ने ज्यादा कष्ट नहीं दिया था। चुट टैट सी लग रही थी।

फिर मुझे लंड पकड़ाकर चूत में धक्का मारा तो भाभी का दर्द भारी आह… निकल गई लेकिन वो दर्द को लेकर बेबी कर गई। मुझे फिर से एक धक्का मारा और अबकी बार मेरा आधा लंड भाभी की चूत में घुस गया।

भाभी दर्द से कराह उठी- आह… अई… बहुत मोटा है… उफ़्फ़… नहीं लिया जा रहा है संजय… ये तो सच में फाड़ देगा मेरी चूत को… निकल ले बाहर।

मैंने कहा- बस भाभी…थोड़ा सा समझा कर लो…बस जाने ही वाला है।

ये कह कर मैंने एक धक्का दिया और मारा तो भाभी जैसी बदहवास सी हो गई। मुझे उसके होठों को चूमना शुरू कर दिया। कहीं वो बेशोश ना हो जाए इसली भाभी की तैयहाँ लंड को अंदर बाहर कराके हिलाने लगा।

Devar Bhabhi Ki Sex Stories – हम दर्द से कराहती हो रही हैं और देखते ही देखते कुछ देर में उसकी कराहतें सिसकरियों में बदल जाती हैं। उसने मुझे अपनी बाहों में ले लिया और मेरे गांड पर टांगें लपेट कर चोदने लगी।

बस फिर हम दोनों कहीं अपनी ही दुनिया में खो गए। मैं भाभी की चूत में धीरे धीरे लंड को पेलते हुए चुदना का मजा ले रहा हूँ। भाभी भी मेरे होठों को चूसते हुए अपनी गांड उचाका कर लंड को लेती रही।

फिर मैंने स्पिड बढ़ा दी और जोर से उसकी चूत को पेलने लगा। भाभी फिर से चिकने लगी लेकिन अबकी बार उसकी चूत लंड को जैसे खा जाने के मूड में आ गई थी। वो पूरी ताकत लगाकर लैंड के धक्कों को झेल रही थी।

बिच मी भाभी अपनी चूत में मेरे लंड को कास लेती थी जिससे मुझे स्वर्ग में पाहुच जाता था। उसकी चूत में लंड को पेलते हुए उसकी चुचियों को पीटा जा रहा है। वो भी चुदवाती रही.

चुदवाते हुए भाभी खराब हो रही थी- आह… संजय… शादी को इतने साल हो गए हैं… लेकिन चुदाई का असली मजा आ गया पहली बार आया है… ओह… मैं तो मर ही जाऊंगी… विनोद… आह्ह… फाड़ दे… आह्ह…. और जोर से चोद.

मैं पूरी ताकत झोंक कर भाभी की चूत को फाड़ने लगा। अब मेरा लंड भी जवाब देने वाला था। मैं 10-12 धक्के से लग गया और मेरे लंड का लौड़ा भाभी की चूत में गिराने लगा। साथ ही बबीता भाभी भी झड़ने लगी।

सारा माल चुत में गिराकर भाभी के ऊपर हम्फता हुआ गिर गया। हम दोनों के बदन पीठ पीछे हो गए। भाभी को चरम सुख की प्राप्ति हो गई थी। लग रहा है कि जैसा उसने नशा कर लिया है। फिर हम दोनों अलग हो गए।

हमने पानी पिया और आराम करने लगे। उसके कुछ देर बाद फिर से दोनों चूमा चाटी में लग गए और फिर से गर्म हो गए। उसके बुरे चूहे में चुदाई के तीन राउंड और हुए। भाभी की चूत को चोद चोदकर मैंने उसे सुजा डाला।

भाभी मेरे लंड की फ़ाई हो गई। उसके बाद जब तक भैया की द्युति रही हम चुपचाप का मजा लेते रहे। फिर रात को भाईसाहब घर आकर ही सोने लगे। मगर भाभी मेरे लंड से चुदाई का मौका दूध ही लेती थी।

आज भी किसी ना किसी तरह से भाभी मौका देखकर मुझे बुलाती है और मैं भाभी की चूत को जमाकर बजाता हूं। वो अब बहुत खुश रहने लगी है।